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NIT रायपुर में मनाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ


रिपोर्ट - सुनील सोनी

रायपुर.  एनआईटी परिसर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की तीसरी वर्षगांठ मनाई गई। गौरतलब है कि, 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाई गई थी। जिसके तीन साल पूरे होने पर यह वर्षगांठ मनाई गई। और इस शिक्षा नीति की समीक्षा भी की गई साथ ही भविष्य में इसे कैसे अमल पर लाया जाए इस पर भी विचार किया गया। कार्यक्रम में एनआईटी के निदेषक एन.वी.रमन ,आईआईटी भिलाई के निदेषक प्रोफेसर राजीव प्रकाश  और आईआईआईटी के निदेषक डॉ. प्रदीप कुमार सिंहा मुख्य रूप से उपस्थित रहें। 


क्या हैं नई शिक्षा नीति 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) एक संपूर्ण और समावेशी शिक्षा नीति है जो पूर्व प्राथमिक स्तर से प्रारम्भ होकर 5+3+314 पैटर्न का प्रस्ताव करती है। यह शिक्षा के सभी चरणों में शिक्षार्थी-केंद्रित, लचीली, अनुभवात्मक, समग्र, बहु विषयक, पूछताछ-संचालित, एकीकृत, विचारोत्तेजक और सब से बढ़कर, आनंददायक शिक्षा प्रदान करने के लक्ष्य को केन्द्रित करती है। यह आत्म-निर्भर भारत एवं 21 वीं शताब्दी के देश एवं विश्व-व्यापी लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है। केंद्रीय विद्यालय संगठन (बिद्यालय, संभाग और मुख्यालय स्तर पर) वर्ष 2020 से एनईपी को लागू करने एवं इसके बारे में जागरूकता पैदा करने हेतु सक्रिय रूप से प्रयासरत है।

1. पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PMSHRI) - इस योजना के अंतर्गत चयनित 14500स्कूल को 5-वर्षों तक भौतिक बुनियादी ढांचे को विकसित करने और सीखने के लिए उपयुक्त संसाधनों के विकास हेतु भारत सरकार द्वारा सहयोग किया जायेगा। पहले चरण में 30 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों संस्थानों (के.वि. और जे एन.वि.) के कुल 6448 स्कूलों को शामिल किया गया है। प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ के 17 केंद्रीय विद्यालयों का चयन किया गया है।

2. निपुण भारत:  स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने 5 जुलाई 2021 को समग्र शिक्षा की केंद्र प्रायोजित योजना के तत्वावधान में विद्यार्थियों में समझ और संख्यात्मकता ज्ञान में प्रवीणता के लिए एक राष्ट्रीय पहल (NIPUNभारत) शुरू की, जिसके तहत देश के प्रत्येक बच्चे को वर्ष 2026-27 तक ग्रेड 3 के अंत तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता ज्ञान प्राप्ति में निपुण होने का लक्ष्य रखा गया है। इस मिशन को देश में स्थित सभी 1253 केंद्रीय विद्यालयों में लागू किया गया है।

3. नई शैक्षणिक संरचना: नई शैक्षणिक संरचना (543+3+4) के तहत केंद्रीय विद्यालयों में विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश हेतु आयु सीमा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पुनर्निर्धारित किया गया है। 500 केंद्रीय विद्यालयों में 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए फाउंडेशनल स्टेज पर बालवाटिका की शुरुआत की गई है, जिसमें छत्तीसगढ़ के 20 के.वि. भी शामिल हैं, जहां 960 विद्यार्थी बालवाटिका में नामांकित हैं।

4. बिद्या प्रवेश: कक्षा 1 के बच्चों के लिए तीन महीने (12 सप्ताह) का खेल-आधारित स्कूल तैयारी कार्यक्रम है, जो बच्चे की पूर्व- साक्षरता, पूर्व-संख्यात्मकता, संज्ञानात्मक और सामाजिक कौशल को बढ़ावा देता है। 2022-23 में, राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के 8,77,793 स्कूलों के 1,80,13,930 छात्रों ने भाग लिया।

5. पीएम ई-बिद्या: यह एक व्यापक पहल है जो शिक्षा के क्षेत्र में सुसंगत मल्टी-मोड पहुंच को सक्षम करने के लिए डिजिटल/ ऑनलाइन ऑन एयर शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों को एकीकृत करती है। दीक्षा पोर्टल पर ई-पुस्तकें और ई-सामग्री का भंडार है। 12 स्वयंप्रभा टीवी चैनल और सामुदायिक रेडियो प्रसारण पीएम ई विद्या के अन्य घटकों में से हैं।

6. विद्यांजलिः इस तकनीकी पोर्टल का उद्देश्य समुदाय स्वयंसेवकों को अपने ज्ञान और कौशल को साझा करने के साथ-साथ संपत्ति सामग्री/उपकरण के रूप में योगदान करने के लिए अपनी पसंद के स्कूलों के साथ बातचीत करने और सीधे जुड़ने में मदद करना है। वर्तमान में, कुल 4,19,485 स्वयंसेवकों ने पंजीकरण कराया है, जिससे 55,61,193 बच्चे प्रभावित हुए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित सभी 37 विद्यालय इस योजना में शामिल हैं।

7. मूलभूत चरण के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCFFS) यह भारत में 3-8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए पहला एकीकृत पाठ्यक्रम  ढांचा है। जादूई पिटारा 3 से8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए तैयार की गई खेल-आधारित शिक्षण सामग्री 20 फरवरी, 2023 को लॉन्च की गई थी।

8. कौशल-आधारित विषय: केंद्रीय विद्यालय विद्यार्थियों के कौशल विकास हेतु व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में प्रयासरत है  कक्षा 6 से 8 में मिट्टी के बर्तन, कठपुतली, बांस की वस्तुएं, बढई, बिजली आदि के कार्य शिखाए जा रहे हैं। सेकेंडरी कक्षाओं में आईटी एवं AI जैसे विषय संचालित किये जा रहे हैं। PM KVY 3.0 के अंतर्गत 228 केंद्रीय विद्यालयों में स्किल हब पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किये गये हैं।

9. उत्तम शैक्षिक वातावरण का निर्माण: केंद्रीय विद्यालयों में उत्तम शैक्षिक वातावरण एवं तकनीक के विकास में महत्तवपूर्ण प्रयास किये गये है। विद्यालयों के नए भवन/कक्षों के निर्माण, लाइब्रेरी, लैब को सुसज्जित करने के साथ-साथ अब तक 12347 स्मार्ट-कक्षाएं (छत्तीसगढ़ के केन्द्रीय विद्यालयों की 291 स्मार्ट कक्षाओं सहित) जिनमें कंप्यूटर/लैपटॉप/ टेबलेट एवं इन्टरनेट वाई-फाई की सुविधा एवं 2310 ई-लर्निंग प्लेटफार्म प्रदान किये गये हैं। अटल इनोवेशन मिशन के तहत केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा देशभर के 340 केन्द्रीय विद्यालयों, जिनमे छत्तीसगढ़ के 7 विद्यालय शामिल हैं, में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की गयी है।