window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'G-YRJD2FN4QJ'); रायपुर। गोलबाजार के कारोबारियों को मालिकाना हक देने और दुकानों की रजिस्ट्री की तैयारी में जुटा निगम

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रायपुर। गोलबाजार के कारोबारियों को मालिकाना हक देने और दुकानों की रजिस्ट्री की तैयारी में जुटा निगम



रायपुर। शहर के सबसे पुराने इलाके गोलबाजार के कारोबारियों को मालिकाना हक देने और दुकानों की रजिस्ट्री की तैयारी में जुटा निगम आज से इसकी प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। इससे पहले निगम ने रविवार को बाजार का ड्रोन सर्वे किया। इसका उद्देश्य यह देखना था कि बाजार में दुकानदारों के कब्जे कितने हैं, कहां-कहां और किस गली में सड़कें नजर आ रही हैं, किस गली में कारोबारियों ने सड़क तक छज्जे निकाल लिए हैं या फिर दुकान खुलने के बाद कितना हिस्सा कब्जा हो रहा है। प्रक्रिया पूरे होने के बाद अगले माह से रजिस्ट्री होगी और यह पूरा हो जायेगा तो निगम का खजाना भी लगभभग 5 सौ करोड़ से भर जायेगा।

जानकारी के मुताबिक निगम ने वह रिकार्ड निकाल लिया है, जो यह बताता है कि किस कारोबारी को 40-50 साल पहले बाजार में कितनी जगह दी गई थी। इसी आधार पर दुकान की नापजोख होगी, ताकि यह साफ हो जाएगा कि दुकान की जगह बढ़ाई गई है या नहीं। यदि मौके पर आबंटन से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध होंगे, तो निगम का अमला उन्हें भी लेगा। यह प्रक्रिया अगले माह के पहले हफ्ते में पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद औपचारिकता पूरी करके जनवरी अंत में ही गोलबाजार के व्यापारियों की रजिस्ट्री शुरू कर दी जाएगी। गोलबाजार में साढ़े 9 सौ से ज्यादा व्यापारी हैं, जिन्हें पहली बार दुकान का मालिकाना हक मिलेगा। हालांकि रजिस्ट्री में उनके पैसे भी खर्च होंगे। हाल में गोलबाजार की लगभग 4 एकड़ जमीन शासन ने निगम को ट्रांसफर कर दी है और उसके डेवलपमेंट का अधिकार भी सौंप दिया है। इसीलिए दुकानों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो गया है। कारोबारियों से कई दौर की चर्चा के बाद अब योजना में किसी तरह की अड़चन नहीं रह गई है। इसलिए निगम ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।

दरअसल, बाजार में मुख्य समस्या चलने-फिरने की है। सड़कें इतनी चौड़ी है कि वहां से बड़ी गाडिय़ां भी आसानी से गुजर जाएं, लेकिन कब्जों की वजह से दिन में यहां आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। निगम अधिकारियों के मुताबिक सब कुछ ठीक ठाक चला तो सर्वे इत्यादि की पूरी प्रक्रिया दिसंबर और जनवरी के पहले पखवाडे तक पूरे कर लिए जाएंगे। रेट इत्यादि भी तय हो जाएंगे और हर दुकानदार को उनकी दुकान की साइज के आधार पर कीमत बता दी जाएगी। कारोबारियों के पास भुगतान करने के लिए जनवरी तक का समय होगा। जनवरी अंत से रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।